हिंदू धर्म में नागपंचमी के त्योहार का विशेष महत्व है और हर साल इस त्योहार को पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता है कि नाग देवता भगवान शिव के आभूषण हैं और नागपंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करके कालसर्प दोष के असर को कम किया जा सकता है, वहीं दूसरी ओर भगवान भोलेनाथ को भी प्रसन्न कर सकते हैं।
इस साल कब है नागपंचमी
हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल सावन मास में शुक्ल पक्ष की पंचमी को यह त्योहार मनाया जाता है। इस साल नागपंचमी 22 अगस्त 2023, सोमवार को है। नागपंचमी के दिन विधि-विधान से पूजा करने पर जीवन में सकारात्मक शक्ति का संचार होता है और अच्छी सेहत की प्राप्ति होती है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, नागपंचमी का त्योहार 21 अगस्त को रात 12.21 मिनट से शुरू होकर 22 अगस्त को रात 2 बजे तक रहेगा। इस दौरान नाग देवता की पूजा का मुहूर्त 22 अगस्त को सुबह 5. 53 से लेकर 8.30 बजे तक रहेगा।
कालसर्प योग है उपवास जरूर करें
जिन जातकों को कुंडली में कालसर्प योग तो उन्हें इन दिन उपवास जरूर रखना चाहिए। नाग देवता के चित्र पर चावल, फूल, रोली और हल्दी चढ़ाकर पूजा करना चाहिए। पूजा पाठ के बाद शाम को व्रत खोलना चाहिए।
अपशब्दों से बचें
नाग पंचमी पर किसी भी व्यक्ति के प्रति अपशब्द का प्रयोग करने से बचें। ऐसा करना बेहद गलत माना जाता है। समाज में परिवार की छवि धूमिल होती है।
नुकीली चीजों का न करें इस्तेमाल
नागपंचमी के दिन धारदार वस्तुओं जैसे कैंची, चाकू, सुई आदि का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। धार्मिक मान्यता है कि नागपंचमी के दिन इन चीजों का इस्तेमाल करने से कालसर्प योग का बुरा असर होने लगता है। इसके अलावा नाग पंचमी पर लोहे की कड़ाही और तवे का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। खेत में हल चलाना या भूमि की खुदाई करना भी वर्जित माना जाता है।