स्कूल प्रबंधन पर दोषियों के साथ कड़ी कार्यवाही करें : मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भोपाल के एक निजी स्कूल की बस में बेटी के साथ हुई घटना विश्वास को हिला देने वाली है। माता-पिता अपने बच्चों को भरोसे पर स्कूल भेजते हैं, यह भरोसा बनाए रखना स्कूल प्रबंधन का दायित्व है। दोषी ड्रायवर और आया के खिलाफ कार्यवाही के साथ स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने आज सुबह 7 बजे बुलाई आपात बैठक में यह निर्देश दिए। निवास कार्यालय पर हुई बैठक में प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी, भोपाल संभाग आयुक्त गुलशन बामरा, पुलिस कमिश्नर मकरंद देउस्कर, कलेक्टर भोपाल अविनाश लवानिया तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे। अपर मुख्य सचिव गृह डॉ. राजेश राजौरा वर्चुअली शामिल हुए।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि स्कूल बसों में चलने वाले स्टाफ का वेरिफिकेशन स्कूल प्रबंधन की जवाबदारी है। बच्चों को हम दरिंदों के हवाले नहीं छोड़ सकते। बस में सीसीटीवी कैमरे काम क्यों नहीं कर रहे थे, यह स्कूल प्रबंधन को देखना चाहिए था। स्कूल प्रबंधन का यह दायित्व भी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि समाज में यह संदेश नहीं जाए कि प्रभावशाली व्यक्तियों पर कार्यवाही नहीं होगी। यह विश्वास मजबूत होना चाहिए कि सरकार है तो अपराधी छूटेंगे नहीं। निश्चित समय में कड़ी कार्यवाही की जाए, जिससे प्रबंधन अपनी जवाबदारी और दायित्व समझे।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल के सभी स्कूलों के ड्रायवर तथा बसों में चलने वाले स्टाफ का परीक्षण हो। अपराधी रिकार्ड और चारित्रिक रूप से दोषी व्यक्तियों को न रखा जाए। स्टाफ के प्रशिक्षण और कानूनी प्रावधानों के संबंध में कार्यशाला की जाए। साथ ही बच्चों और पालकों में पॉक्सो एक्ट के प्रावधानों के संबंध में जागरूकता और जानकारी पर केन्द्रित प्रशिक्षण भी सभी शासकीय और निजी शालाओं में किए जाएं। पुलिस प्रशासन भी पालकों और समाज के साथ प्रभावी तरीके से इस विषय पर संवाद करे।
पुलिस आयुक्त मकरंद देउस्कर ने घटना तथा अब तक की गई कार्यवाही की जानकारी देते हुए बताया कि दोषी ड्रायवर के विरूद्ध पहले से ही दो अपराध दर्ज हैं। बस के अन्य बच्चों तथा उनके पालकों को विश्वास में लेकर यह जानने की कोशिश भी की जा रही है कि किसी अन्य के साथ इस प्रकार की घटना तो नहीं हुई है।

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