राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में वैज्ञानिकों को किया सम्मानित, प्रोफेसर गोविंद राजन पद्मनाभन को दिया गया वर्ष 2024 के विज्ञान रत्न पुरस्कार

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कल सुबह राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार-2024 प्रदान किये। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार के पहले संस्करण में चार श्रेणियों – विज्ञान रत्न, विज्ञान श्री, विज्ञान युवा और विज्ञान टीम श्रेणी में प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों को 33 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

राष्ट्रपति मुर्मु ने भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रो. गोविंदराजन पद्मनाभन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आजीवन उपलब्धि और योगदान के लिए विज्ञान रत्न पुरस्कार प्रदान किया। प्रो. पद्मनाभन भारत में आणविक जीव विज्ञान और जैव प्रौद्योगिकी अनुसंधान में अग्रणी हैं। केंद्र सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार की शुरुआत इसी वर्ष (2024) से की है। द्रौपदी मुर्मु ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चंद्रयान-3 टीम को विज्ञान टीम पुरस्कार प्रदान किया।

राष्ट्रपति मुर्मु ने कृषि विज्ञान में डॉ. आनंदरामकृष्णन सी, परमाणु ऊर्जा में डॉ. अवेश कुमार त्यागी, जैविक विज्ञान में प्रो. उमेश वार्ष्णेय और जैविक विज्ञान में प्रो. जयंत भालचंद्र उदगांवकर, पृथ्वी विज्ञान में प्रोफेसर सैयद वजीह अहमद नकवी, इंजीनियरिंग विज्ञान में प्रोफेसर भीम सिंह, गणित और कंप्यूटर विज्ञान में प्रोफेसर आदिमूर्ति आदि और गणित और कंप्यूटर विज्ञान में प्रोफेसर राहुल मुखर्जी, चिकित्सा में प्रो. डॉ. संजय बिहारी, भौतिकी में प्रो. लक्ष्मणन मुथुसामी, भौतिकी में प्रो. नबा कुमार मंडल और अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डॉ. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम, प्रो. रोहित श्रीवास्तव को प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के लिए कुल 13 विज्ञान श्री पुरस्कार प्रदान किए।

राष्ट्रपति ने कृषि विज्ञान में डॉ. कृष्ण मूर्ति एस.एल., कृषि विज्ञान में डॉ. स्वरूप कुमार परिदा, जैविक विज्ञान में प्रो. राधाकृष्णन महालक्ष्मी, जैविक विज्ञान में प्रो. अरविंद पेनमत्सा, रसायन विज्ञान में प्रो. विवेक पोलशेट्टीवार, रसायन विज्ञान में प्रो. विशाल राय, पृथ्वी विज्ञान में डॉ. रॉक्सी मैथ्यू कोल, इंजीनियरिंग विज्ञान में डॉ. अभिलाष, इंजीनियरिंग विज्ञान में डॉ. राधा कृष्ण गंटी, पर्यावरण विज्ञान में डॉ. पूरबी सैकिया, पर्यावरण विज्ञान में डॉ. बप्पी पॉल, गणित और कंप्यूटर विज्ञान में प्रो. महेश रमेश काकड़े, चिकित्सा में प्रो. जितेन्द्र कुमार साहू, चिकित्सा में डॉ. प्रज्ञा ध्रुव यादव, भौतिकी में प्रो. उर्वशी सिन्हा, अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डॉ. दिगेन्द्रनाथ स्वैन, अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में डॉ. प्रशांत कुमार, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार में प्रो. प्रभु राजगोपाल सहित 18 को विज्ञान युवा-शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार प्रदान किए।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में चंद्रयान-3 टीम को विज्ञान टीम पुरस्कार प्रदान किया। चंद्रयान-3 मिशन का सफल समापन देश की सबसे बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धियों में से एक है और यह भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों की टीम द्वारा प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान को दर्शाता है।

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