भोपाल, प्रदेश में आगमी माह में बजट सत्र आना है साथ ही प्रदेश कार्यसमिति की बैठक के बाद सुगबुगाहट तेज हो गई है की मध्यप्रदेश केबिनेट में विभागों में फेलबदल करते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार होना है। फरवरी के दूसरे सप्ताह में प्रदेश भर निकाली जाने वाली विकास यात्रा के माध्यम से आने वाली चुनावी चुनौतियों को समझने के लिए पंचायत से लेकर नगरीय क्षेत्र के गली मोहल्ले से लेकर संगठन और सत्ता को अलर्ट कर दिया है। यात्रा का रिजल्ट आगामी चुनाव में टिकट वितरण में अहम माना जा रहा है।
मीडिया में छाप रही ख़बरों के अनुसार वर्तमान मंत्रियों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट का खाका भाजपा की केंद्रीय समिति द्वारा मध्यप्रदेश भेजा जा चुका है। वही सर्वे करने वाली कंपनियों से ली गई रिपोर्ट के अनुसार क्षेत्रीय स्तर पर आंतरिक गुटबाजी पनप चुकी है। इस सभी के आधार पर नया केबिनेट विस्तार समय की आवश्यकता बन गया है। गुटबाजी को ख़त्म करने क्षेत्रीय आधार पर वर्तमान मंत्रियों का कद नापा व नये मंत्रियों को जोड़ा जाना है।
निकाय चुनाव में आप पार्टी और एट्रोसिटी एक्ट मामले में करनी सेना की चुनौती के बाद सामान्य वर्ग के मंत्रियों की संख्या बढ़ाना, कांग्रेस और जयस का आदिवासी और पिछड़ा वर्ग की सीटों पर फोकस होने के कारण इन सीटो को मजबूत करने के लिए नोडल मॉडल तैयार कर मंत्री पद में नोडल के प्रभावी विधायक को मंत्री बनाया जायेगा।
प्रदेश कार्यालय में चल रही कानाफूसी में सिंधिया कोटे के 2 मंत्री कम होंगे। भोपाल से एक, विन्ध्य से 2, मालवा से 1, महाकौशल से 1 नाम प्रमुख रूप से चर्चित है।