लॉडरहिल, 14 अगस्त| भारत के कप्तान हार्दिक पांड्या ने वेस्ट इंडीज के विरुद्ध निर्णायक टी20 में 18 गेंद पर 14 रन की पारी खेलने के बाद हार की ज़िम्मेदारी अपने ऊपर ली है। हार्दिक जब रविवार को बल्लेबाज़ी करने उतरे तब भारत 10.2 ओवर में चार विकेट के नुकसान पर 87 रन बना चुका था। विंडीज ने हालांकि इसके बाद रनगति पर शिकंजा कसा और अगले पांच ओवर में मात्र 36 रन दिये।
पांड्या ने अपनी पारी की 17वीं पारी पर छक्का जड़ा लेकिन रफ्तार पकड़ने की कोशिश में वह 18वीं गेंद पर आउट हो गये। पांड्या ने मैच के बाद कहा, “जब मैं बल्लेबाजी करने आया तो 10वें ओवर के बाद मैच हमारे हाथ से निकलता रहा। मुझे लगता है कि मैं परिस्थिति का फायदा नहीं उठा सका और पारी को खत्म नहीं कर सका। मेरा मानना है कि अन्य खिलाड़ी बहुत अच्छा खेले। जब मैं मैदान पर गया तो उस तरह नहीं खेल सका जिस तरह खेलना चाहिये था।” हार्दिक की असफलता के बाद भारत उभर नहीं सका और सूर्यकुमार यादव (61) के अर्द्धशतक की बदौलत 20 ओवर में 165 रन ही बना सका। वेस्ट इंडीज ने यह लक्ष्य दो विकेट गंवाकर 18 ओवर में हासिल कर लिया। जब हार्दिक से गेंदबाजी में उनके निर्णयों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “मैं एक मौके पर जो महसूस करता हूं, उसी के हिसाब से गेंदबाजी पर निर्णय लेता हूं। मैं इसकी कोई योजना नहीं बनाता। मैं स्थिति देखता हूं और अगर मुझे कोई बेहतर विकल्प लगता है तो मैं उसे चुनता हूं।” भारत इससे पहले कभी भी पांच टी20 मैचों की शृंखला नहीं हारा था, हालांकि यशस्वी जायसवाल, तिलक वर्मा और मुकेश कुमार जैसे नये चेहरों से सजी टीम ने 2-0 से पिछड़ने के बाद सीरीज में सराहनीय वापसी की। हार्दिक ने कहा, “यह बहुत अच्छा है कि वे (युवा खिलाड़ी) हिम्मत दिखा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह बहुत ज़रूरी है। जो भी युवा आगे आ रहा है उसे अपने ऊपर विश्वास है। वे जिस तरह इस सीरीज में आये और खुलकर प्रदर्शन किया, ज़िम्मेदारी ली, उसके लिये उनको बधाई। बतौर कप्तान में इससे ज़्यादा खुश नहीं हो सकता कि सभी युवा खिलाड़ी आगे आकर ज़िम्मेदारी ले रहे हैं।” भारत को हालांकि अगले साल वेस्ट इंडीज और अमेरिका में होने वाले टी20 विश्व कप की तैयारी करनी है। विराट कोहली और रोहित शर्मा की अनुपस्थिति में युवा खिलाड़ियों के लिये यह सफर मुश्किल होगा, इसलिये कप्तान पांड्या एक-दो सीरीज़ की हार को लेकर ज़्यादा चिंतित नहीं हैं। पांड्या ने कहा, “मेरा मानना है कि एक समूह के तौर पर हम खुद को चुनौती देने वाले हैं। हम इन सब द्विपक्षीय मैचों में कुछ सीखने वाले हैं। देखा जाये तो एक-दो सीरीज हारने में कोई बुराई नहीं। यह एक लंबी प्रक्रिया है जिसे किसी को समझाने की ज़रूरत नहीं। कुल मिलाकर खिलाड़ी हमारी योजनाओं पर अडिग हैं जो बेहद रोमांचक है।” उन्होंने कहा, “टी20 में क्या करना है यह सोचने के लिये हमारे पास पर्याप्त समय है। कभी-कभी जीतना अच्छा होता है क्योंकि आप इससे बहुत कुछ सीखते हैं। इससे वे गलतियां नहीं ढक जातीं जो आपने की हैं लेकिन मुझे लगता है कि हमने यहां बहुत कुछ सीखा है। ईमानदारी से कहूं तो खिलाड़ियों ने खुद को प्रतिबद्ध किया, जब हम 2-0 से पीछे थे तो उन्होंने चुनौती का सामना किया और पूरी शृंखला में दमखम दिखाया। आज ऐसा लग रहा था कि यह बहुत ही एकतरफा मैच है लेकिन खिलाड़ी कोशिश करते रहे। जीतना और हारना प्रक्रिया का एक हिस्सा है। हमें बस सीखने पर ध्यान देना है।”